Puliyabaazi

क्या राष्ट्रवाद भी लिबरल हो सकता है? Liberal Nationalism.

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Sinopse

भारतीय राष्ट्रवाद की ख़ासियत यह है कि वह शुरुआत से ही उदारवादी रहा है | लेकिन आज के ध्रुवीकृत वातावरण में इन दोनों शब्दों को विरोधाभासी समझा जाने लगा है | कुछ राष्ट्र के स्वनियुक्त रक्षक लिबरल विचारधारा को ज़हरीला मानते है तो खुद को लिबरल मानने वाले राष्ट्रवाद नाम से ही कतरा जाते है | तो हमने पुलियाबाज़ी की तक्षशिला इंस्टीटूशन के डायरेक्टर नितिन पई के साथ | नितिन लिबरल-राष्ट्रवाद पर कई लेख लिख चुके हैं | उनका मानना है कि सहिष्णुता और उदारवाद भारतीय राष्ट्रवाद के वह अभिन्न हिस्से है जिनकी वजह से भारत आज एक सशक्त देश बन पाया है | इस पुलियाबाज़ी में हमने चर्चा की इन सवालों पर: क़ौम क्या है? राष्ट्र, क़ौम, वतन, और देश - क्या यह सभी शब्द समानार्थक है? अगर राष्ट्र महज़ एक वैचारिक संकल्पना है, तो क्या उसका महत्व कम हो जाता है? राष्ट्रवाद क्या है? यह शब्द कलंकित क्यों हो गया? भारतीय राष्ट्रवाद और हिन्दू राष्ट्रवाद में अंतर क्या है? भारतीय राष्ट्रवाद में क्या उदारवादी तत्व है? The jingoistic, zero-sum version nationalism is back as a powerful, destructive force on the global stage. Yet a few thinkers believe that a tolerant,